उन रातों की बेसुधी
अरमानों को नजरअंदाज कर और भावनाओं को दिल में दफन कर इंसान ज्यादा दिन तक रह नहीं सकता।इसका एहसास होने लगा था मुझे।आज का दिन कुछ विशेष था मेरे लिए यूँ कहे जिंदगी में पहली बार जिंदगी से मुलाकात हो गयी...
View Articleदिल ने तो बस दिल की सुनी
काश दिल पे थोड़ा जोर होता और तुम्हें पाने की चाहत ही ना करता कभी।ये जानते हुए कि तुम नहीं हो मेरी और ना ही कभी बनोगी मेरी।कहा है तुमपे मेरा थोड़ा सा भी अधिकार,जो तुमसे पूछ लेता क्या मेरी भावनायें नहीं...
View Articleतुम्हारे इंतजार की वो रात
चाँद गुमशुम,तारे खामोश और रात की आधी पहर का सन्नाटा और दिल की धड़कन का जोर-जोर से धड़कना,यादों की पालकी पर तेरी यादों का आना और ख्वाबों में तुमसे मिलने की आश लिए सोने की कोशिश करना।कभी चाँद को...
View Articleएहसास तुम्हारे आने का
कितनी सुंदर लग रही है आज ये सारी छटायें,जो कल तक बेरंग थी मेरे लिए।साँझ की लालिमा में लिपटा बितता पहर आज अपने किसी पुराने साथी सा जान पड़ा जो अब मुझे अकेला नहीं देख पाया और अपनी मद्धम साँझ की लालिमा...
View Articleजीवन के वीरान राहों में फिर तुम्हारा साथ चाहिए....
वो राह जीवन का जिसपर हम हमेशा साथ होते थे।मीलों साथ चलते और कुछ ना कहते थे।बस तुम्हारे साथ की खुशी ही तो मुझे लम्बे फासलों के दर्द को भी महसूस नहीं होने देती।रास्ते चलते,हम चलते और समय भी भागता रहता...
View Articleअब तो तुम हो साथ मेरे
हरी हरी घासों पे लेटा,खुले आसमान के निचे संसर्ग की उन्मादकता का स्वागत करता मै।तुम्हारी नीली आँखों में गगन की सारी उड़ानों को ढ़ुँढ़ता और तुम्हारे स्पर्श से मेरे रोम रोम में हर्ष की इक नयी कली का मानों...
View Article"वक्त ने मुझे बड़ा बना दिया-पापा"
अपने सभी अरमानों को दबा लिया दिल में ही कही और किसी से ना कुछ कहा।कई ख्बाव जो पलते थे आपकी आँखों में दिन-रात उसे आपने मेरी आँखों को सौंप दिया।क्यों किया ऐसा आपने,बस मेरे लिए ना पापा!आप हरदम बस सोचते...
View Articleनई जिन्दगी की एक नयी सुबह
शंकाओं से भरी हुई वो सुबह,अनिश्चिताओं के हजारों किरणों को खुद में समेटे जगाता रहा मुझे।पुरानी जिन्दगी यादों के पन्नों में सीमट गयी और नयी जिन्दगी भविष्य के सपनों को कही दूर मुझे दिखाती दे गयी एक भोर।इस...
View Articleजन्म दर जन्म भूल गया सब कुछ
विराट अथाह समुद्र के बीच में खड़ा मै।जहाँ चारों ओर बस दृश्य होता जलमंडल का कभी ना अंत होने वाला छोड़।पवन अपने वेग में समेट कर लाती संदेश इस जलमग्नता का और प्राणश्वासों की विलुप्तता का।अंधकार का...
View Articleक्यूँ आकर फिर चली गई तुम?
सच में कुछ बदलाव तो था इस बार की अपनी मुलाकात में।इस बार वो इंतजार न था और ना था वो प्यार जो मै तुमसे करता था।शायद मुझे भी आभास हो रहा था इसका पर पता नहीं क्यों वो एहसास फिर धड़कनों में समा ही नहीं पा...
View Articleकभी तुम मेरी इन धड़कनों की फिक्र भी कर लिया करो
याद आने लगा आज सदियों बाद फिर से वो दिन जब तुमसे नहीं मिला था,ना हुई थी बात अपनी,ना थी कोई जान पहचान तुमसे।पर ये दिल ना जाने क्यों तुमको अपना मान बैठा था।तुमसे जब पहली बार बात हुई थी अजीब हालत थी इन...
View Articleप्रेमी चाँद की उलझन सा मेरा मन
हार कर आज आ बैठा मै अकेला छत पर।कितना पुकारा तुमको और तुम्हारे नाम को।अब तो शायद मेरे चारों ओर हर पल गूँजता रहता है नाम तुम्हारा प्रतिध्वनि बन कर।पर पता नहीं वो प्रतिध्वनि क्या तुमसे टकरा कर लौटती है...
View Articleकल रात तुमको सुना मैने
चाहता है ह्रदय फिर से तुम्हें पाने को और इस बार पाकर कभी ना खोने को।सुनना चाहता है तुम्हारी हर एक वो शिकायत जो तुम इक अनूठे अधिकार के साथ करती थी मुझसे।और मै तुम्हारी डाँट सुन कर भी हँस पड़ता था उस...
View Articleआज स्त्री बस वासना की पूर्ति भर है क्या?
अपनी अश्लील भावनाओं को प्रेम की पवित्रता का नाम देकर कोई अपनी अतृप्त वासना को छुपा नहीं सकता।वासना के गंदे कीड़े जब पुरुष मन की धरातल पर रेंगने लगते है तब वह बहसी,दरिंदा हो जाता है।अपनी सारी संवेदनाओं...
View Articleसमर्पण और आस्था की शक्ति से मुक्कदर को पाओ
कुछ तो है ऐसा जो शाश्वत है।वही चिर काल से चिर काल तक है।वह सर्वशक्तिमान ईश्वर है।परन्तु उस आध्यात्मिक ईमारत की नींव भी बस आस्था की अमिट भावनाओं पे पड़ी है।आस्था के बिना ना तो सृष्टि के सृजनात्मक कार्यो...
View Articleमहाकाल की प्रेम क्रीड़ा:-"सृष्टि और प्रलय"
जगत में काल का स्वरुप अचिन्तय है।जिसके वश में पूरा संसार हर पल सृष्टि से प्रारम्भ होकर प्रलय की ओर बढ़ता जाता है।सृष्टि दिवस के आरम्भ जैसा है और प्रलय अवसान सा।पर क्या?है कोई ऐसा जो इस काल के बंधन से...
View Articleतुमने क्या मुझे याद किया है अभी
अभी-अभी मिली है खबर मुझे तुम्हारे ना होने का और मेरा वजूद कुछ क्षण बिल्कुल सन्न सा हो गया है यह जानकर कि अब तक बस तुम्हारे बिना जी रहा था वो।कुछ अलग हो गया है उससे।शायद कोई वजनदार चीज थी वो।जो कभी कभी...
View Articleशायद किसी जन्म में हम मिले थे कभी
मन कभी बिल्कुल आवारा सा बन न जाने कहाँ कहाँ से घूम कर आता है।कभी तुम्हारे साथ का पहला दिन याद करता है तो कभी उस एहसास को खोजने निकल पड़ता है जिसमें तुमसे मिलन के हर एक क्षण का लेखा जोखा अब भी वैसे ही...
View Article"मै अब तुमसे भी बड़ा हो गया-माँ"
कोमल भावनाओं की जितनी भी अभिव्यक्तियाँ मेरे अंतरमन में समायी है,वो सब तुम्हीं से पाया है मैने।तुम्हीं ने आभास कराया है मुझे मेरे अस्तित्व का और सौंपा है मुझे मेरा वजूद।तुम्हारे बिना मै स्वयं की कल्पना...
View Articleढ़ूँढ़ रहा हूँ अपने दर्द की कोई शक्ल
वह स्पर्श भूला नहीं हूँ मै या शायद मेरे जेहन में इस कदर समा गया है वो कि उससे विरक्ति स्वयं से वैराग जैसा है।दूर से आती हुई मदमस्त पवन हौले से मेरे कानों में कुछ कहती है और हर बार सुनने की कोशिश में उस...
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